अब तरसती हैं तेरी दीद को आँखें मोहसिन Admin / Oct 14, 2021 अब तरसती हैं तेरी दीद को आँखें मोहसिन अब तरसती हैं तेरी दीद को आँखें मोहसिन, एक ज़माना था के हम रोज़ मिला करते थे। Ab Tarasti Hain Teri Deed Ko Aankhein Mohsin, Ek Zamana Tha Ke Hum Roj Mila Karte The. Shayari Ras Shayari Sad Shayari