अपनी सोच के दायरे से रूबरू कराती है जिंदगी

अपनी सोच के दायरे से रूबरू कराती है जिंदगी

अपनी सोच के दायरे से रूबरू कराती है जिंदगी...
बदलता कोई नही जरूरतें महकाते हैं रिश्ते...!!


Apanee soch ke daayare se roobaroo karaatee hai jindagee...
Badalata koee nahee jarooraten mahakaate hain rishte...!!