अग़र फितरत हमारी सहने की नहीं होती

अग़र फितरत हमारी सहने की नहीं होती

अग़र फितरत हमारी सहने की नहीं होती...
तो हिम्मत तुम्हारी कुछ कहने की नहीं होती...!!


Agar phitarat hamaaree sahane kee nahin hotee...
To himmat tumhaaree kuchh kahane kee nahin hotee...!!