अँधेरा था तो कोई ठोकरों का डर न था

अँधेरा था तो कोई ठोकरों का डर न था

अँधेरा था तो कोई ठोकरों का डर न था...
उजाला होते ही पत्थऱ दिखाई देने लगे...!!


Andhera tha to koee thokaron ka dar na tha...
Ujaala hote hee patthar dikhaee dene lage...!!