मेरी बाहें जब तरसती हैं तुम्हे अपने सीने से लगाने को Mohit / Jan 31, 2022 मेरी बाहें जब तरसती हैं तुम्हे अपने सीने से लगाने को मेरी बाहें जब तरसती हैं तुम्हे अपने सीने से लगाने को, मैं कागज़ पे उतार के तुम्हें, अक्सर अपने गले लगाता हूँ। Meree baahen jab tarasatee hain tumhe apane seene se lagaane ko, Main kaagaz pe utaar ke tumhen, aksar apane gale lagaata hoon. Shayari Apne Shayari Hindi Shayari Meri Shayari Ras Shayari Taras Shayari Tum Shayari