जुबा तो खोल नज़र तो मिलाजवाब तो दे

जुबा तो खोल नज़र तो मिलाजवाब तो दे

जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे
में कितनी बार लुटा हु, मुझे हिसाब तो दे

तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव
में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे


Juba to khol, nazar to mila, jawaab to de
Mein kitni baar luta hun, mujhe to hisaab to de

Tere badan ki likhawat mein hain utaar chadhav
Mein tujhko kaise padhunga, mujhe kitaab to de