जिस अदब और तहजीब से मुस्कुराया करती हो, Admin / Jan 31, 2022 जिस अदब और तहजीब से मुस्कुराया करती हो, जिस अदब और तहजीब से मुस्कुराया करती हो, मुझे लगता तो यही है कि लखनऊ में रहती हो. Jis adab aur tahajeeb se muskuraaya karatee ho, Mujhe lagata to yahee hai ki lakhanoo mein rahatee ho. Shayari Lucknow Shayari