ज़मीन-ए-पाक हमारे जिगर का टुकड़ा है

ज़मीन-ए-पाक हमारे जिगर का टुकड़ा है

ज़मीन-ए-पाक हमारे जिगर का टुकड़ा है
हमें अज़ीज़ है देहली ओ लखनऊ की तरह
तुम्हारे लहजे में मेरी नवा का लहजा है
तुम्हारा दिल है हसीं मेरी आरज़ू की तरह
अली सरदार जाफ़री


Zameen-e-paak hamaare jigar ka tukada hai
Hamen azeez hai dehalee o lakhanoo kee tarah
Tumhaare lahaje mein meree nava ka lahaja hai
Tumhaara dil hai haseen meree aarazoo kee tarah
Alee saradaar jaafaree