आप अपनी आत्मा की दिव्यता को जान सकते है,

आप अपनी आत्मा की दिव्यता को जान सकते है,

आप अपनी आत्मा की दिव्यता को जान सकते है,
खुद को अन्दर और बाहर से सुधारकर.


Aap apanee aatma kee divyata ko jaan sakate hai,
Khud ko andar aur baahar se sudhaarakar.