फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे Admin / Aug 01, 2021 फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे, लुत्फ़ ये है कि हमें याद न आया कोई। Fikr Ye Thi Ke Shab-E-Hizr Kategi Kaise, Lutf Ye Hai Ke Humein Yaad Na Aaya Koyi. Shayari Yaad Shayari