ज़िन्दगी हर पल ढलती है

ज़िन्दगी हर पल ढलती है

ज़िन्दगी हर पल ढलती है,
जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है,
शिकवे कितने भी हो किसी से,
फिर भी मुस्कराते रहना,
क्योंकि ये ज़िन्दगी जैसी भी है,
बस एक ही बार मिलती है।


Zindagi Har Pal Dhalti Hai,
Jaise Ret MutThi Se Fisalti Hai,
Shikwe Kitne Bhi Ho Kisi Se,
Fir Bhi Muskurate Rahna,
Kyunki Yeh Zindagi Jaisi Bhi Hai,
Bas Ek Hi Baar Milti Hai.