ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है मुहब्बत के लिए

ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है मुहब्बत के लिए

ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है मुहब्बत के लिए,
फिर रूठकर वक़्त गवाँने की जरूरत क्या है........


Zindagee yoon hee bahut kam hai muhabbat ke lie,
Phir roothakar vaqt gavaanne kee jaroorat kya hai........