ज़िंदगी भी तवायफ की तरह होती है

ज़िंदगी भी तवायफ की तरह होती है

ज़िंदगी भी तवायफ की तरह होती है,
कभी मजबूरी में नाचती है कभी मशहूरी में।


Zindgi Bhi Tawayaf Ki Tarah Hoti Hai,
Kabhi Majboori Mein Nachti Hai Kabhi MashHoori Mein.