ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई

ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई

ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई,
मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया।


Zindagi Baithi Thi Apne Husn Pe Phooli Hui,
Maut Ne Aate Hi Saara Rang Feeka Kar Diya.