ज़िंदगी की पटरी दूर कहाँ ले आई है,

ज़िंदगी की पटरी दूर कहाँ ले आई है,

ज़िंदगी की पटरी दूर कहाँ ले आई है,
लौट जा पीछे व्यक्त,
मेरी सहेली छूट आई है !!


Zindagi kee pataree door kahaan le aaee hai,
Laut ja peechhe vyakt,
Meree Saheli chhoot aaee hai !!