ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई

ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई

ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई

ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई ,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता.


Zamaane bhar mein milate he aashik kaee ,
Magar Watan se khoobasoorat koee sanam nahin hota ,
Noton mein bhee lipat kar, sone mein simatakar mare he kaee ,
Magar Tirange se khoobasoorat koee kafan nahin hota.