ग़ुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से

ग़ुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से

उदास छोड़ गया वो हर एक मौसम को।
ग़ुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से।।


Udaas chhod gaya vo har ek mausam ko.
Gulaab khilate the kal jisake muskuraane se..