हुनर तो बस अश्क़ों का है वक़्त की बेवफ़ाई को भी

हुनर तो बस अश्क़ों का है वक़्त की बेवफ़ाई को भी

हुनर तो बस अश्क़ों का है वक़्त की बेवफ़ाई को भी...
रूह के पटल पर उतार देते हैं...!!


Hunar to bas ashqon ka hai vaqt kee bevafaee ko bhee...
Rooh ke patal par utaar dete hain...!!