हवाओं की भी अपनी सियासतें हैं कही बुझी आग को Mohit / Jan 31, 2022 हवाओं की भी अपनी सियासतें हैं कही बुझी आग को हवाओं की भी अपनी सियासतें हैं कही बुझी आग को... भड़का देती हैं, तो कही जलते चिराग को बुझा देती हैं...!! Havaon kee bhee apanee siyaasaten hain kahee bujhee aag ko... Bhadaka detee hain, to kahee jalate chiraag ko bujha detee hain...!! Shayari Attitude Shayari Chiraag Shayari