हवा को गुमान था अपनी आज़ादी पर Mohit / Jan 31, 2022 हवा को गुमान था अपनी आज़ादी पर हवा को गुमान था अपनी आज़ादी पर... किसी ने उसे भी गुब्बारे में भर के बेच दिया...!! Hava ko gumaan tha apanee aazaadee par... Kisee ne use bhee gubbaare mein bhar ke bech diya...!! Shayari Gubbare Shayari Hindi Shayari