हर रात यही सोचते सोचते गुजर जाती है

हर रात यही सोचते सोचते गुजर जाती है

हर रात यही सोचते सोचते गुजर जाती है
मोहब्बत सजा है, मजा है, या गुनाह है


Har raat yahee sochate sochate gujar jaatee hai
Mohabbat saja hai, maja hai, ya gunaah hai