हर तरफ फ़िजाओं में इक मस्ती छाई

हर तरफ फ़िजाओं में इक मस्ती छाई

हर तरफ फ़िजाओं में इक मस्ती छाई

हर तरफ फ़िजाओं में इक मस्ती छाई
कान्हा तूने मनभावन बंसी बजाई
हर कली पर जैसे निखर आ गया
तुम इक बार मोहब्बत से मुझे देखो.


Har taraph fijaon mein ik mastee chhaee
Kaanha toone manabhaavan bansee bajaee
Har kalee par jaise nikhar aa gaya
Tum ik baar mohabbat se mujhe dekho.