हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो Admin / Jul 21, 2021 हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो, ये ज़िंदगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो। Har Ek Chehre Ho Zakhmo Ka Aayina Na Kaho, Ye Zidagi Toh Hai Rahmat Ise Sazaa Na Kaho. Shayari Rahamat Shayari Zindagi Shayari