हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें

हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें

हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें,
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।


Haq Se Do Toh Tumhari Nafrat Bhi Qabool Humein,
Khairat Mein Toh Hum Tumhari Mohabbat Bhi Na Lein.