हंसने की भी वजह ढूँढनी पड़ती है अब

हंसने की भी वजह ढूँढनी पड़ती है अब

हंसने की भी, वजह ढूँढनी पड़ती है अब;
शायद मेरा बचपन, खत्म होने को है!


Hansane kee bhee, vajah dhoondhanee padatee hai ab;
Shaayad mera bachapan, khatm hone ko hai!