सूकून का एक लम्हा भी मयस्सर नहीं मुझको Admin / Aug 10, 2021 सूकून का एक लम्हा भी मयस्सर नहीं मुझको सूकून का एक लम्हा भी मयस्सर नहीं मुझको, मोहब्बत को सुलाता हूँ तो तेरी यादें जाग जाती है। Sukoon Ka Ek Lamha Bhi Mayassar Nahi Mujhko, Mohabbat Ko Sulata Hoon Toh Yaadein Jaag Jati Hain. Shayari Teri Shayari Yaad Shayari