सिर्फ उतना ही झुको जितना जरुरी हो

सिर्फ उतना ही झुको जितना जरुरी हो

सिर्फ उतना ही झुको जितना जरुरी हो...
बेवजह झुकना दुसरो के अहम् को बढ़ावा देता है...!!


Sirph utana hee jhuko jitana jaruree ho...
Bevajah jhukana dusaro ke aham ko badhaava deta hai...!!