समझता ही नहीं वो मेरे अलफ़ाज़ की गहराई

समझता ही नहीं वो मेरे अलफ़ाज़ की गहराई

समझता ही नहीं वो मेरे अलफ़ाज़ की गहराई
मैंने हर लफ्ज़ कह दिया जिसे मोहब्बत कहते है


Samjhta Hi Nahi Wo Mere Alfaz Ki Gahrayi
Maine Har Lafz Kah Diya Jise Mohabbat Kahte Hai