सब समेट लेने में कहाँ मज़ा है

सब समेट लेने में कहाँ मज़ा है

सब समेट लेने में कहाँ मज़ा है...
थोड़ा 'बिखराव' भी तो ज़रूरी है !


Sab samet lene mein kahaan maza hai...
Thoda bikharaav bhee to zarooree hai !