शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है

शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है

शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है

शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है...
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है...!!


Shoharat kee bulandee bhee pal bhar ka tamaasha hai...
Jis daal pe baithe ho vo toot bhee sakatee hai...!!