शेर-ओ-शायरी तो दिल बहलाने का ज़रिया है जनाब

शेर-ओ-शायरी तो दिल बहलाने का ज़रिया है जनाब

शेर-ओ-शायरी तो दिल बहलाने का ज़रिया है जनाब,
लफ़्ज़ काग़ज़ पर उतारने से महबूब लौटा नहीं करते।


Sher-o-Shayari Toh Dil Behlane Ka Jaria Hai Janab,
Lafz Kagaj Par Utarne Se Mahboob Lauta Nahi Karte.