शिद्दत ए दर्द से शर्मिंदा नहीं मेरी वफ़ा

शिद्दत ए दर्द से शर्मिंदा नहीं मेरी वफ़ा

शिद्दत ए दर्द से शर्मिंदा नहीं मेरी वफ़ा..
रिश्ते गहरे हैं तो फिर ज़ख़्म भी गहरे होंगे...


Shiddat e dard se sharminda nahin meree vafa..
Rishte gahare hain to phir zakhm bhee gahare honge...