शिकायत रोज करता हु की तू मिलती नहीं मुझको

शिकायत रोज करता हु की तू मिलती नहीं मुझको

शिकायत रोज करता हु की तू मिलती नहीं मुझको ।
मगर खुद को तेरे काबिल बनाना रोज भूल जाता हु ॥


Shikaayat roj karata hu kee too milatee nahin mujhako .
Magar khud ko tere kaabil banaana roj bhool jaata hu .