शरीर उम्र की सीढ़ियाँ चढ़ता रहा हज़ार

शरीर उम्र की सीढ़ियाँ चढ़ता रहा हज़ार

शरीर उम्र की सीढ़ियाँ चढ़ता रहा हज़ार,
मन बचपन की देहरी कर ना पाया पार.


Shareer umr kee seedhiyaan chadhata raha hazaar,
Man bachapan kee deharee kar na paaya paar.