वो बुलंदियाँ भी किस काम की साहब

वो बुलंदियाँ भी किस काम की साहब

वो बुलंदियाँ भी किस काम की साहब,
इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें…..!!


Vo bulandiyaan bhee kis kaam kee saahab,
Insaan chadhe aur insaaniyat utar jaayen…..!!