वाह वाह कर के सब दूर हो जाते हे धीरे धीरे Admin / Jan 30, 2022 वाह वाह कर के सब दूर हो जाते हे धीरे धीरे वाह-वाह, कर के सब दूर हो जाते हे धीरे-धीरे, ये लफ्ज़ कैसे निकलते हे जहन से , जानने की तकलीफ कौन करता हे साहब. Vaah-vaah, kar ke sab door ho jaate he dheere-dheere, Ye laphz kaise nikalate he jahan se , Jaanane kee takaleeph kaun karata he saahab. Shayari Door Shayari Lafz Shayari Sad Shayari