वाक़िये अनगिनत हैं ज़िंदगी के

वाक़िये अनगिनत हैं ज़िंदगी के

वाक़िये अनगिनत हैं ज़िंदगी के...
किताब लिखूँ या हिसाब लिखूँ...!!


Vaaqiye anaginat hain zindagee ke...
Kitaab likhoon ya hisaab likhoon...!!