वही तफरीक का आलम है बाद-ए-मर्ग भी यारों Admin / Aug 13, 2021 वही तफरीक का आलम है बाद-ए-मर्ग भी यारों वही तफरीक का आलम है बाद-ए-मर्ग भी यारों, न कतबे एक जैसे हैं न कब्रें एक जैसी हैं। Wahi Tafreeq Ka Aalam Hai Baad-e-Marg Bhi Yaaro, Na Katbe Ek Jaise Hain, Na Qabrein Ek Jaisi Hain. Shayari Maut Shayari