लौट आती है हर बार इबादत मेरी खाली,

लौट आती है हर बार इबादत मेरी खाली,

लौट आती है हर बार इबादत मेरी खाली,
न जाने किस ऊँचाई पे मेरा 'खुदा' रहता है।


Laut Aati Hai Har Baar Ibadat Meri Khali,
Na Jane Kis Oonchai Pe Mera Khuda Rahta Hai.