लोग पूछते हैं क्यों सुर्ख हैं तुम्हारी आँखे

लोग पूछते हैं क्यों सुर्ख हैं तुम्हारी आँखे

लोग पूछते हैं क्यों सुर्ख हैं तुम्हारी आँखे,
हंस के कह देता हूँ रात सो ना सका,
लाख चाहूं मगर ये कह ना सकूँ,
रात रोने की हसरत थी रो ना सका।


Log Poochhte Hain Kyu Surkh Hain Tumhari Aankhe,
Hans Ke Kah Deta Hoon Raat So Na Saka,
Laakh Chaahoon Magar Ye Kah Na Sakoon,
Raat Rone Ki Hasarat Thi Ro Na Saka.