लोग कहते है कि वक्त हर ज़ख्म को भर देता है

लोग कहते है कि वक्त हर ज़ख्म को भर देता है

लोग कहते है कि वक्त हर ज़ख्म को भर देता है

लोग कहते है कि वक्त हर ज़ख्म को भर देता है...
पर किताबों पर धूल जमने से कहानी बदल नहीं जाती


Log kahate hai ki vakt har zakhm ko bhar deta hai...
Par kitaabon par dhool jamane se kahaanee badal nahin jaatee