लफ्ज़ ए तस्सली तो एक तक्कलुफ है साहब

लफ्ज़ ए तस्सली तो एक तक्कलुफ है साहब

लफ्ज़-ए-तस्सली तो... एक तक्कलुफ है साहब...
वरना जिसका दर्द...उसी का दर्द...बाक़ी सबके लिए वो तमाशा ही है...


Laphz-e-tassalee to... ek takkaluph hai saahab...
Varana jisaka dard...usee ka dard...baaqee sabake lie vo tamaasha hee hai...