रूह तक उतर गया है कोई ग़म शायद

रूह तक उतर गया है कोई ग़म शायद

रूह तक उतर गया है कोई ग़म शायद,
कि मुस्कुराने की हर कोशिश नाकाम सी है...


Rooh tak utar gaya hai koee gam shaayad,
Ki muskuraane kee har koshish naakaam see hai...