रिश्तों का इक हुजूम था और मैं ढूँढता रहा

रिश्तों का इक हुजूम था और मैं ढूँढता रहा

रिश्तों का इक हुजूम था और मैं ढूँढता रहा,
हसरत लिए हुए कोई अपना दिखाई दे...!


Rishton ka ik hujoom tha aur main dhoondhata raha,
Hasarat lie hue koee apana dikhaee de...!