रात भर तेरी दहलीज़ पर बैठीं रहीं मेरी आँखें

रात भर तेरी दहलीज़ पर बैठीं रहीं मेरी आँखें

रात भर तेरी दहलीज़ पर, बैठीं रहीं मेरी आँखें....
खुद को न आना था तो किसी ख़्वाब को भेज देते...!!


Raat bhar teree dahaleez par, baitheen raheen meree aankhen....
Khud ko na aana tha to kisee khvaab ko bhej dete...!!