रब्ब जाने क्या कशिश है इस मोहब्बत में

रब्ब जाने क्या कशिश है इस मोहब्बत में

रब्ब जाने क्या कशिश है इस मोहब्बत में..
इक अंजान, हमारा हकदार बन बैठा।


Rabb jaane kya kashish hai is mohabbat mein..
Ik anjaan, hamaara hakadaar ban baitha.