रंग भी होशियार हो गए हैं,

रंग भी होशियार हो गए हैं,

रंग भी होशियार हो गए हैं,
लोगों की जिंदगियों से निकल कर,
गुलाल तक ही सिमटकर रह गए हैं !!


Rang bhee hoshiyaar ho gae hain,
Logon kee jindagiyon se nikal kar,
Gulaal tak hee simatakar rah gae hain !!