ये शाम कितनी हंसीन हैं

ये शाम कितनी हंसीन हैं

ये शाम कितनी हंसीन हैं

ये शाम कितनी हंसीन हैं
जैसे तेरी मुस्कान खिली हैं
तू भी यूँही जवां रहे सालो साल
जैसे ये संध्या ढलती उम्र में भी जवां हैं


Ye shaam kitanee hanseen hain
Jaise teree muskaan khilee hain
Too bhee yoonhee javaan rahe saalo saal
Jaise ye sandhya dhalatee umr mein bhee javaan hain