ये शान ओ शौकत ए आलम, सदा किसी की नहीं

ये शान ओ शौकत ए आलम, सदा किसी की नहीं

ये शान-ओ-शौकत-ए-आलम, सदा किसी की नहीं

चिराग सबके बुझेंगे, हवा किसी की नहीं...


Ye shaan-o-shaukat-e-aalam, sada kisee kee nahin

Chiraag sabake bujhenge, hava kisee kee nahin...