ये ख़्वाब है कि उलझता है और ख़्वाबों से Pradeep / Jan 31, 2022 ये ख़्वाब है कि उलझता है और ख़्वाबों से ये ख़्वाब है कि उलझता है और ख़्वाबों से ये चाँद है कि ख़ला में पतंग उड़ती है -ज़फ़र इक़बाल Ye khvaab hai ki ulajhata hai aur khvaabon se Ye chaand hai ki khala mein patang udatee hai -zafar iqabaal Shayari 2 Line Shayari Chand Shayari Patang Shayari